मेरी गांड चुद ही गई

मेरा नाम मीरा है मैं एक फैशन डिज़ाइनर हूं और इलाहाबाद की रहने वाली हूं। मेरा काम ही मेरे लिए सब कुछ है। मुझे बचपन से ही फैशन डिजाइनिंग का शौक था और अब मेरा शौक पूरा होने जा रहा है। मैं फर्स्ट टाइम चंडीगढ़ गई थी और अपनी फ्रेंड के साथ रूम शेयर किया।

अगले दिन ऑफिस में मेरा पहला दिन था और उस दिन जब मैं ऑफिस के लिए जा रही थी तो मुझे ऑफिस का एड्रेस सही से मालूम नहीं था। मैंने एक आदमी से ऑफिस का एड्रेस पूछा उसने मुझे एड्रेस बताया। मैं जल्दी से ऑफिस पहुंची ऑफिस पहुंचते ही मैंने देखा कि ऑफिस की लड़कियां शॉर्ट कपड़े पहन कर आई थी। उन्हें देखकर मुझे खुद पर शर्म सी आ रही थी लेकिन मैं वैसे ही ऑफिस के अंदर गई। ऑफिस के अंदर जाते ही सब लड़कियां मुझे देखने लग गई। वह मुझे चिढ़ाने लगी कि मुझे कपड़े पहनने का ढंग भी मालूम नहीं है लेकिन मुझे वैसे ही कपड़े पसंद है। उस दिन मुझे सर को अपने डिजाइन दिखाने थे और मैं बहुत नर्वस सी हो गई थी। मेरे जैसी कई लड़कियां थी जिनका ऑफिस का पहला दिन था। हम सब लड़कियों ने अपने अपने डिजाइनिंग सबमिट करें और सर के केबिन में रख दिए।

कुछ देर बाद सर ने हमें अपने केबिन में बुलाया और जिस के डिजाइन अच्छे थे। उसे जॉब पर रखा और जिनके डिजाइन उन्हें पसंद नहीं आए उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था। मुझे बहुत डर लग रहा था लेकिन सर को मेरे डिजाइन बहुत पसंद आए और उन्होंने मुझे सीनियर रख दिया। अब से ऑफिस के सारे डिजाइन मेरे पास से सर के पास जाने थे और अगर मेरी तरफ से वह डिजाइन सेलेक्ट हो जाते तो ही उन्होंने सर के पास जाना था। आज का दिन मेरे लिए सही ही था फिर मैं घर गई मुझे बहुत भूख लगी थी लेकिन ना मेरी दोस्त को खाना बनाना आता था और ना ही मुझे। हम दोनों बाहर से ही खा कर आते थे।

कुछ दिनों बाद हमने एक लड़के को अपने साथ रख लिया। वह अपने लिए रूम देख रहा था लेकिन उससे कहीं पर उसके टाइप का रूम नहीं मिल रहा था। फिर हमने उसे अपने साथ रहने के लिए कहा वह भी राजी हो गया। हमने उसे एक शर्त पर रखा कि हम सबके लिए खाना वही बनाएगा। उसने हमारी बात मान ली और हमारे साथ रहने के लिए तैयार हो गया। जब भी हम सुबह उठते हैं तो वह हमारे लिए नाश्ता बना कर तैयार रखता और ऑफिस से आने के बाद डिनर भी वही बना कर रखता। कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा।

एक दिन वह बीमार हो गया था। अब हमें दिक्कत यह थी कि हमारा खाना कौन बनाएगा लेकिन वह बीमारी के दौरान भी हमारे लिए खाना बनाने के लिए तैयार हो गया। मुझे उसे देखकर कुछ अच्छा नहीं लगा मैं सोच रही थी एक तो वह बीमार भी है और हमारे लिए खाना भी बना रहा है। मैने उसकी मदद करने की सोची लेकिन मुझे भी तो खाना बनाना नहीं आता था। मैंने उसे कहा कि तुम मुझे बताओ और मैं खाना बनाऊंगी। फिर वह जो जो बोलता गया और मैं वह करती गई इस तरीके से मुझे भी थोड़ा बहुत खाना बनाना आ गया था। उसके ठीक होने के बाद भी मैं उसके साथ खाना बनाने में हेल्प करती थी। हम दोनों मिलकर खाना बनाते थे सुबह का नाश्ता मैं बनाती थी और शाम का डिनर वही बनाता था।

उस लड़के का नाम रोशन था। उसने मुझे बहुत कुछ बनाना सिखा दिया था और मुझे काफी कुछ बनाना भी आ गया था। अब कभी मैं भी खाना बना लिया करती थी और उसे भी थोड़ा आराम मिल जाता था। एक दिन मेरी फ्रेंड घर पर नहीं थी और रोशन और मैं ही थे। तो ना जाने मेरी चूत मे क्या खुजली हुई। मैंने उससे कहा कि मेरी खुजली को मिटा दो तो उसने मुझे वहीं जमीन पर लेट दिया। अपने लंड को मेरी चूत मे डाल दिया। जैसे ही उसने अपने लंड को मेरी चूत मे डाला तो मुझे बहुत अच्छा एहसास हो रहा था और काफी मजा आ रहा था। जब वह मुझे झटके मार रहा था मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं किसी सपनों में खो गई हूं और एक अलग ही दुनिया में चली गई हूं। मुझे बहुत समय से किसी ने चोदा नहीं था। इस वजह से मेरी चूत मे खुजली हो रही थी। अब रोशन ने मेरी सारी खुजली मिटा दी और अपने माल को मेरे मुंह के अंदर ही गिरा दिया। मैंने उसके सारे माल को पी लिया। अब वह हमारे लिए खाना भी बनाता था और मैं उसे अपनी चूत की खुजली भी मिटाती थी। मेरे दोनों काम अच्छे से होने लगे थे और ऑफिस भी मैं समय पर जाती थी। रोशन मेरा बहुत ही ध्यान रखता था क्योंकि मैं उसकी ख्वाहिश को पूरा करती थी और वह मेरे लिए सारे काम किया करता था। मुझे कभी भी वह कुछ भी चीज के लिए मना नहीं करता था और हर बात में सिर्फ मेरा ही साथ देता था। यह सब मुझे बहुत अच्छा लगता था लेकिन रोशन को कुछ समय के लिए अपने घर जाना पड़ा और वह एक महीने तक नहीं आया। अब मेरी चूत की खुजली बहुत समय से मिट नहीं पा रही थी। तो मुझे भी लगने लगा था कि और जब रोशन आएगा तो उसी से अपनी खुजली मिटाऊंगी। तब तक मैंने डिलडो से ही काम चलाया।

मैं ऑफिस गई तो मेरे एक सीनियर ने मुझे अपने कैबिन में बुलाया और कहा कि तुम्हारा डिजाइन मुझे बहुत पसंद आया। मैं उन्हें वह डिजाइन समझाने लगी तो वह मेरे पास आकर खड़े हो गए। उनका लंड मुझ से टच हो रहा था। मैंने उन्हें कुछ नहीं बोला ऐसे ही उनका लंड मुझसे टकरा रहा था और वह खड़ा हो गया था। मैं उनके इरादों को समझ गई थी जैसे ही उनका लंड मेरी बड़ी गांड पर लगता तो मेरे अंदर एक उत्तेजना जाग जाती। मैंने उन्हें पूछ ही लिया सर आपको क्या चाहिए उन्होंने मुझे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है। मैंने उन्हें कहा ठीक है सर आप कर लीजिए। मैं आपको कुछ नहीं बोलूंगी। अब उन्होंने जल्दी से मेरे कपड़ों को उतारना शुरू किया फिर मैंने भी उनके कपड़ों को उतार दिया। हम दोनों एक नंगे खड़े थे उन्होंने मेरी गांड को बड़ी तेजी से दबाने शुरू किया। जैसे ही उन्होंने मेरी गांड को दबाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने भी उनके लंड को पकड़ते हुए अपने मुंह में ले लिया और सकिंग करना शुरू किया। मैं उनके लंड को ऐसे ही मुंह में लेकर चूसती जा रही थी और वह बहुत ही खुश मुद्रा में नजर आ रहे थे।

वह भी अपने लंड को मेरे मुंह में धक्का देते और मेरे गले तक अपने लंड को उतार देते। मुझे बहुत समय हो गया था किसी का लंड अपने मुंह में लिए हुए तो मैं अच्छे से ओरल सेक्स कर रही थी। मेरा तो मुह का पूरा झाग बाहर आ जाता लेकिन मुझे ओरल सेक्स करने में मजा आता है। मैंने उनको इतने अच्छे से ओरल सेक्स किया कि उनके लंड से पानी निकलने लगा था और उनसे रहा नहीं जा रहा था। उन्होंने मेरे बड़े बड़े स्तनों को अपने मुंह में लेते हुए चूसना शुरू किया। जिससे कि मेरी उत्तेजना भी बढ़ने लगी और मेरे अंदर से सेक्सी भावना तेज होती गई। मेरी चूत का पानी निकलने लगा। अब मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी और उन्होंने जल्दी से अपने लंड को मेरी चूत मे भी डाल दिया और ऐसे ही मुझे पेलना शुरू किया। उन्होंने बहुत देर तक चोदा जिससे कि मेरा पानी निकलता जाता है और वह ऐसे ही झटके मारता जाते। थोड़ी देर बाद मेरा झडने को हो गया और उन्होंने मेरी योनि में ही सारा वीर्य गिरा दिया। अब उन्होंने झटके से अपना लंड बाहर निकाला और बड़ी ही तेजी से मेरी गांड के अंदर डाल दिया। उन्होंने इतनी तेजी से मुझे चोदना शुरू किया कि मेरी गांड खुली की खुली रह गई। जैसे ही वह बाहर निकालते और फिर अंदर डालते तो मेरी चीख निकल पड़ती। सर ने बहुत देर तक मेरी गांड ऐसे ही मारी और मेरी गांड लाल हो गई थी। उनका माल जब मेरे अंदर गिरा तो मुझे बहुत गर्म महसूस हुआ। मैंने अपनी चूत और गांड दोनों को साफ किया।

हम दोनों ने अपने कपड़े पहने इस तरीके से मेरी चूत और गांड दोनों ही मेरे सीनियर ने मारी। बहुत दिनो बाद मेरी खुजली को मिटाया मुझे यह सब ऐसा लग रहा था जैसे पता नहीं कितने दिनों बाद किसी ने मुझे चोदा हो। अब मैं वहां से सीधा घर चली गई तो जब मैं घर पहुंची मैंने देखा रोशन भी आ चुका है। मैंने उसे गले लगाते हुए कहा तुम इतने दिनो तक कहा थे। वह कहने लगा मेरी तबीयत खराब हो गई थी। उसके बाद मैं अब रोशन से अपनी चूत की खुजली मिटाती हूं।