मकान मालकिन की बहू ने मुझे थ्रीसम के लिए ब्लैकमैल किया

सलाम सभी को मैं नितिन आज अन्य आपबीती लेकर आया हूँ जिसमे मैने बताया है कि मेरे मकान मालकिन की बहु ने कैसे मुझे ब्लैकमेल किया मुझे थ्रीसम के लिए मजबूर किया।

ज्यादा बोर न करते हुए आते है हम अपनी कहानी पर, मैने अपनी पिछली कहानी में मैने लिखा की कैसे मैंने मकान मालकिन की गुस्सैल बेटी को कैसे चोदा। उसके बाद से हमारा चुदम चल पड़ी थी उसकी चूत में जब भी खुजली होती वो मेरे कमरे में आ जाती और मेर लन्ड जब भी मचलता मैं उसे बुला लेता। कुल मिलाकर एक पति पत्नी वाला रिश्ता बन गया था हमारा।

मेरे चुदाई से उसके चेहरे पर आई निखार उसके उभरते बूब्स और गांड से उसकी भाभी मालती को शक होने लगा था। जिसमे प्रीति का बार बार छत पर आना उसके शक के आग में घी का काम करता था।

एक दिन कुछ ऐसा हुआ मैं तीन दिवसीय एक बैठक में गया था जहाँ मेरी मुलाकात एक 22 साला महिला से हुई जो शादी के 6 महीने बाद ही तलाक ले लिया था। उसके भूरे रंग के बाल, टाइट कपड़े,बड़े बड़े और कसे बूब्स और गांड देख मेरा मन उसे चोदने के लिए काफी उतावला हो गया था। लेकिन इस बैठक में काफी आदमी थे एसीलिये मैं सोच कर भी कुछ नही कर पा रहा था। मीटिंग खत्म होने के बाद वो भीड़ में कैसे गायब हुई मुझे पता ही नही चला। लेकिन मेरा लन्ड तो खड़ा हो चुका था तो मैंने बाथरूम जाकर मुठ मारी और अपने लन्ड को शांत किया मेरा लन्ड तो कुछ देर के लिए शांत हो गया लेकिन मेरा मन अभी भी अशांत था। बैठक समाप्ति के बाद जब मैं अपने रूम पर आया तो रूम में खाना बना हुआ था(चूंकि सोसाइटी में कोरोना के कुछ केस आने के कारण हमारे साथ ही मकान में रह रहे दो पारीवारो ने फ्लैट खाली कर दिया, लेकिन मुझे चूत फ्री मिल रही थी मैं भला क्यों कमरा खाली करता।क्योंकि मैं कमरे में ताला नही लगाता तो
मेरी अनुपस्थिति में प्रीति ही आकर मेरे कमरे को साफ करती और मेरे कहने पर खाना बना देती।) हालांकि आज मैंने प्रीति को खाना बनाने के लिए नही कहा था इसीलिए मैंने उसे मिसकॉल की और वो ऊपर आ गयी और आकर हमने एक लंबा फ्रेंच किस किया तब मेरे पूछने पर उसने कहा कि मेरा दिल कर रहा था कि आज हम मिलेंगे इसीलिए मैंने बना दिया। मुझे वैसे भूख तो लगी थी लेकिन थकावट इतनी ज्यादा थी कि मैं पहले आराम करना चाहता था, मैंने उसे बताया तो वो नाराज हो गयी कि मैंने इतने प्यार से बनाया है और तुम्हे पसन्द नहीं, तुम बदल गए हो, तुम मुझसे प्यार नही करते वगैरह वगैरह।

मुझे खाना खाना ही बेहतर विकल्प लगा, सो मैं बिस्तर पर ही बैठ गया और उसे कहा कि आज तूम मुझे अपने हाथों से खाना खिलाओगी तो वह खाना खिलाने लगी मुझे खिलाकर वो बर्तन धोने बाथरूम चली गयी मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया पेशाब करने । बर्तन धोते देख मैं एक बार के लिए रुका फिर मैंने कहा इससे क्या शर्म करना मैं चला गया मैं पेशाब करने लगी । मुझे पेशाब करते देख उसने सर दूसरी ओर घुमा लिया और कहने छि शर्म नही आती तुम्हे स्पीड कम करो बर्तन पे पेशाब के छिटके आ जाएंगे।

मैंने पेशाब करने के बाद कहा तुमसे क्या शर्माना और उसके सामने जाकर भी नंगे ही खड़ा हो गया उसने कहा अच्छा ठीक है जाओ रूम में। मैन बिना कुछ सोचे लन्ड उसके मुंह मे डाल दिया चूंकि तीन दिनों से हमने चुदाई नही की थी इसीलिए वो काफी तेजी से लन्ड को चूसने लगी काफी देर चूसने के बाद उसके होठ काफी दुखने लगे तो बोली अब मैं नही कर पाऊंगी तो मैने उसके बालो के जुड़े को पकड़कर उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया करीबन दस मिनट बाद मैं झड़ गया और अपना माल उसके मुंह मे और उसके पूरे चेहरे पर डाल दिया। वो अपना चेहरा और बर्तन साफ करने लगी। इधर मैं तीन दिन घर से बाहर रहने के कारण हुई थकावट के कारण बिस्तर पर लेटते ही सो गया। शाम में जब उठा तो बर्तन धुले हुए रखे थे। मैने उसे मैसेज किया कि रात में मिलते है।

रात को सब के सोने के बाद जब वो आयी तो वह नाइटी में थी बिना ब्रा और पेंटी की। वो आते ही भूखी शेरनी की तरह मुझपर टूट पड़ी मेरे सारे कपड़े उतारे अपनी नाइटी उतार के कोने में फेंक दी और मेरे पूरे शरीर को बेतहाशा चूमने लगी मैन इसका विरोध नही किया उसके चूमने चाटने से मेरा पूरा शरीर गिला हो गया था थ वो अपने बूब्स को मेरे पूरे शरीर पर रगड़ने लगी करीबन आधे घण्टे ऐसी तरह चलने के बाद मैं उठा उसे लिटाकर अपना लौड़ा उसके दोनों बूब्स के बीच मे रखकर चोदने लगा मेरे ऐसी चुदाई से बूब्स काफी लाल हो गए थे।

अब उसने मुझे लिटा दिया और आकर मेरे लौड़े पर बैठ गयी और उछल उछल के चुदने लगी कुछ ही देर में वो झड़ गयी मैने अपना लौड़ा निकाला और उसके मुंह मे डाल दिया कुछ ही देर मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया तब मैंने उसे डॉगी पोज में खड़ा कर गांड चोदने लगा उसकी चिल्लाने की आवाज़ मुझे और जोर से चोदने ने पर मजबूर कर देती। जोश जोश में हमने दरवाजा खुला छोड़ दिया था जिससे उसकी कविता भाभी अंदर आकर सब कुछ रिकॉर्ड कर लेती है।

कविता 20 साल की एक हॉट सी 30 28 30 कि युवती है उसके एकाएक अंदर आ जाने से मैं सहम गया। लेकिन प्रीति तुरन्त उठकर उससे फ़ोन छीनने लगती है चूंकि प्रीति मोटी थी इसीलिए उसने फ़ोन छीनकर मुझसे वीडियो डिलीट करवा दिया। तब वो कहने लगी मैं जा रही हूं सब को कहने। तभी प्रीति ने उसे पकड़कर घुटनो के बल झुका दिया और मैने अपना लौड़ा उसके मुंह मे घुस दिया और उसके मुंह को चोदने लगा। तभी प्रीति उसे कहने लगी कि देख भाई तुझे चोदता नही और ये तो अपना घर का बन्दा है जब मन करे आ जाया कर, ऐसा उसे समझाने लगी कुछ ही देर में कविता भी मेरा साथ देने लगी। तब मैने अपना लौड़ा निकालकर प्रीति के मुंह मे डाल दिया और कविता के कपड़े उतार देता हूं। इधर प्रीति मेरा लौड़ा चूस रही थी और मैं कविता के होठो में उतर कर उसे अपने आगोश में ले लिया था कुछ देर बाद मैं बाथरूम गया आया तो देखा कि ये दोनों 69 के पोज में एक दूसरे को चूस रही थी मैन कविता को लेटा कर उसके टांगों को फैला दिया और और अपना लौड़ा जोर से कविता के चुत में घुस दिया कविता कांप उठी और जोर से चिल्लाने लगी लगी प्रीति पहले से ही उसके होठो को चूस रही थी जिस कारण आवाज़ बाहर नही आ पाई कविता दर्द के मारे छटपटा रही थीं मैं जैसे ही रुका प्रीति ने हाथ के इसारे से कहा चालू रखो तो मैं और जोर जोर से चोदने लगा कुछ देर कराहने के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी आह तेजी से चोदो जैसे सिसकारियां मार रही थी।मेरा लौड़ा सीधे उसके बच्चेदानी को छू रहा था जिस कारण उसकी कामुक आवाज पूरे कमरे को सेक्सी बनाये हुए थी। कुछ देर में ही वो झाड़ गयी लेकिन मेरा अभी खड़ा था मैंने उसी लन्ड से प्रीति की गांड चोदने लगा जब मैं झड़ने को आया तो कविता ने कहा मुझे बच्चा चाहिए तो मैंने अपना लौड़ा प्रीति की गांड से निकलकर कविता के चुत में घुस दिया और झड़ गया फिर उठकर बाथरूम जाकर हम तीनों ने फिर सेक्स किया और दोनों को नहाया । मैं दोनों को ढाई बजे रात तक चोदता रहा।
उसके बाद वो दोनों नीचे चली गयी। आज वही बच्चा 1 साल का है मैं आज भी उन दोनों और प्रीति की एक और सहेली को साथ मैं चोदता हूं हम सभी जब भी मिलते है खूब चुदाई करते है लेकिन मैं हर रात दोनोमे से किसी एक कि और कभी दोनों की साथ चुदाई करता हूँ। मैं अगली कहानी जल्द लिखूंगा।