दोनो हाथो मे चूत

कॉलेज खत्म होने के बाद मैं कहीं नौकरी की तलाश में था लेकिन मुझे मेरे हिसाब से नौकरी नहीं मिल पा रही थी। मैं रोज सुबह नौकरी की तलाश में निकलता और खाली हाथ शाम को वापस लौट आता ऐसे ही कई दिन तक मैं अलग-अलग जगह इंटरव्यू देने के लिए गया लेकिन कहीं कुछ नहीं हुआ। यह बात जब मैंने अपने दोस्त को बताई तो उसने मेरी मदद की मेरे दोस्त का नाम समीर है वह मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था कॉलेज खत्म होने के बाद वह बेंगलुरु नौकरी करने के लिए चला गया था उसी ने मेरी बेंगलुरु में नौकरी लगवाई। जब मैं बेंगलुरु आया तो मुझे बैंगलुरु के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं थी समीर की वजह से ही मैं बैंगलुरु के बारे में जान पाया। मैं और समीर साथ में ही रहते थे जॉब लगने के कुछ साल बाद मेरे घर वालों ने मेरे लिए लड़की देखनी शुरू कर दी। जब उन्होंने मेरे लिए लड़की देखी तो उसके बाद उन्होंने मुझे घर आने के लिए कहा मेरा घर बनारस में है मैं बनारस का रहने वाला हूं।

घर जाने के बाद जब मैंने लड़की को देखा तो लड़की मुझे बहुत पसंद आई उसका नाम सोनिया है सोनिया से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा कुछ ही समय में हम दोनों की सगाई हो गई। सगाई हो जाने के बाद मैं वापस बेंगलुरु चला आया बेंगलुरु में काफी समय तक रहने के बाद मेरे घर वालों ने मेरी शादी भी तय करवा दी अब घर में सब लोग शादी की तैयारियां कर रहे थे मैंने भी अपनी शादी के लिए थोड़ी बहुत शॉपिंग कर ली थी। जब मैं शादी के लिए घर गया तो मेरे साथ मेरा दोस्त समीर भी था हम दोनों साथ में ही बेंगलुरु से घर गए थे समीर का घर भी बनारस में ही है। कुछ ही दिनों में मेरी शादी भी हो गई शादी हो जाने के बाद कुछ समय तक मैं घर पर ही था उसके बाद मैं वापस बेंगलुरु चला आया। जब मैं बेंगलुरु आया तो मेरा बेंगलुरु में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था मुझे घर की बहुत याद आ रही थी लेकिन मेरी मजबूरी थी कि मुझे बेंगलुरु में रहना था क्योंकि बनारस में मुझे नौकरी मिल पाना मुश्किल था इसलिए मैं बेंगलुरु में ही रहना चाहता था। मेरा एक छोटा भाई भी है उसका अभी कुछ समय पहले ही स्कूल पूरा हुआ है और वह कॉलेज करने की सोच रहा है मेरे भाई का नाम अविनाश है।

एक दिन अविनाश ने मुझसे कहा कि भैया मैं अपने आगे की पढ़ाई बेंगलुरु से करना चाहता हूं मैंने अविनाश से कहा कि ठीक है तुम यही मेरे साथ बेंगलुरु आ जाओ। जब अविनाश मेरे साथ बेंगलुरु रहने के लिए आया तो उसके कुछ समय बाद मैं अपनी पत्नी सोनिया को भी अपने साथ बेंगलुरु ले आया अब हम तीनों साथ में रहते थे और मेरे माता-पिता बनारस में ही रहते थे। जब मेरी पत्नी सोनिया मेरे साथ बेंगलुरु रहने के लिए आई तो मैंने अपने लिए अलग घर देख लिया था। उसके बाद मैं समीर के साथ नहीं रहता था समीर अकेला ही रहता था वह कभी कबार मुझसे मिलने के लिए आ जाता था और मैं भी उससे मिलने के लिए अक्सर जाया करता था हम दोनों एक दूसरे को मिलते ही रहते थे। एक दिन समीर ने मुझसे कहा कि हम लोग कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं मैं भी समीर की बात को मान गया क्योंकि शादी के बाद मैं और सोनिया कहीं घूमने के लिए भी नहीं गए थे इसलिए यह हमारे पास अच्छा मौका था कि हम कहीं घूम आए। मैंने भी समीर से कहा कि ठीक है हम लोग इस बीच कहीं घूम आते हैं समीर कहने लगा ठीक है मैं इस बारे में सोचता हूं कि हमें घूमने के लिए कहां जाना चाहिए। जब मैंने यह बात सोनिया को बताई तो सोनिया भी बहुत खुश हो गई वह भी कहने लगी कि हां वैसे भी हम लोग शादी के बाद कहीं घूमने नहीं गए थे इस बहाने हम घूम भी आएंगे। हम लोग घूमने की प्लानिंग करने लगे मैं और सोनिया यही सोच रहे थे कि घूमने के लिए कहां जाया जाए तभी मेरा भाई अविनाश भी आ गया वह कहने लगा कि भैया आप लोग किस बारे में बात कर रहे हो। मैंने अविनाश को बताया कि हम लोग कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन हमें समझ नहीं आ रहा कि हम लोग घूमने के लिए कहां जाए। अविनाश कहने लगा की भैया मैं भी आप लोगों के साथ चलूंगा मैंने अविनाश से कहा कि लेकिन तुम्हारे कॉलेज का क्या होगा? वह कहने लगा कि भैया वैसे भी आजकल पढ़ाई कुछ खास नहीं हो रही है मैं अपने दोस्तों से नोट्स ले लूंगा। मैंने अविनाश से कहा कि ठीक है तुम इस बारे में अपने प्रोफेसर से बात कर लेना कि तुम कुछ दिन छुट्टी पर हो।

अविनाश भी खुश हो गया और वह कहने लगा कि मैं अपनी पैकिंग शुरू कर लेता हूं और फिर वह वहां से चला गया। अगले दिन मैंने समीर से इस बारे में बात की तो समीर कहने लगा कि तुम कुछ ही दिनों में अपने ऑफिस से छुट्टी ले लेना। हम लोग शिमला जाने के लिए बहुत खुश थे समीर का ही यह प्लान था हम लोग शिमला गए वहां हमने जमकर मस्ती की मैने सोनिया को भी खूब चोदा। अब हम लोग वापस लौट आए थे। हमारे पडोस मे एक कमसिन लडकी रहती है उसका नाम ममता है मै उसे अक्सर देखा करता लेकिन वह मुझे भाव नही देती थी पर जब मैने उसकी एक दिन मदद कि तो वह मुझसे ब बात करने लगी। मैने उसका नंबर ले लिया फिर मैने उसे सेक्सी बाते शुरू कर दी वह खुश थी। वह चाहती थी हम अकेले मै समय बिताए तो उसने मुझे अपने घर बुलाया। मै ममता को मिलने उसके घर पर गया मै बडा खुश था। हम दोनो एक दूसरे के साथ बैठे थे, ममता और मैं एक दूसरे को बड़े ही अच्छे से महसूस कर रहे थे। अब हम दोनों एक दूसरे को होठों को चूमने लगे मुझे बडा मजा आने लगा था मेरे अंदर की गर्मी अब बढ़ने लगी थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था।

ममता ने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया उसने अपने हाथो से मेरे लंड को हिलाया। वह बहुत देर तक मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर उसको हिलाती रही। जब उसने अपने मुंह के लंड को समाया तो मुझे अच्छा लगने लगा। वह मेरे लंड को बडे अच्छे तरीके से चूसने लगी मेरे लंड को वह जिस प्रकार से चूस रही थी उससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। उसने मुझे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मेरे अंदर की आग भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। ममता भी झेल नहीं पा रही थी मैंने जब उसकी चूत को चाटकर चिकना बना दिया था। मैंने अपने लंड को उसकी कोमल चूत पर सटाया उसकी गुलाबी चूत से पानी बाहर निकलने लगा था मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। ममता की चूत से इतना अधिक पानी निकलने लगा था कि मेरे अंदर की आग बढ़ चुकी थी। मैंने एक ही झटके में ममता की चूत के अंदर लंड को घुसाया मेरा लंड उसकी चूत में घुसा तो उसकी चूत से खून की पिचकारी बाहर निकल आई मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था। मैं उसको तेज गति से धक्के मारने लगा मुझे उसको चोदकर बहुत मजा आ रहा था, मैं जिस तरह उसे चोद रहा था उससे मेरे अंदर की आग बढ़ती जा रही थी। मेरे अंदर की गर्मी अब इतनी बढ चुकी थी कि मैंने उससे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है। मैंने उसको काफी देर तक चोदा जिस से मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था। मैं ममता की चूत की गर्मी को झेल नहीं पाया उसने मुझे अपने पैरों के बीच मे जकडना शुरू कर दिया। उसकी चूत का गर्म लावा इतना बढ़ चुका था। मैंने अपने वीर्य की पिचकारी को ममता की चूत मे गिराया और उसकी गर्मी को शांत कर दिया। मैने उसकी चूत को साफ किया और फिर मै अपने घर लौट आया दो दिन बाद मुझे फिर ममता ने बुलाया उस रात वह घर पर अकेली थी। मै उसके पास चला गया

वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए बहुत ही ज्यादा उतावली थी। हम दोनो ने चुम्मा चाटी शुरु कर दी मैं उसके बदन को महसूस करना चाहता था। मैंने उसके बदन से कपड़े उतार दिए मैंने उसकी ब्रा को फाडकर उसके स्तनों को दबाना शुरू किया। मै उसके स्तनों को दबा रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था वह बहुत ज्यादा खुश हो रही थी। उसको अब मेरे लंड को लेने की आदत हो गई थी उसने मेरे लंड को अपने हाथों मे लिया वह उसे हिलाने लगी। जब उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगने लगा था उसने बहुत देर तक मेरे लंड को चूसा। मैंने उसकी पैंटी को उतारकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया उसकी चूत को चाटकर मुझे मजा आ रहा है ममता सिसकारिया ले रही थी जब मैं उसकी चूत को चाट रहा था तो मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मेरे लंड से पानी बाहर गिरने लगा था मैं अपने लंड को उसकी चूत मे घुसाने के लिए उतावला था। मैने जब अपने मोटे लंड को उसकी चूत के अंदर घुसाया तो वह खुश हो गई। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर जाते ही वह मुझे कहने लगी मजा आ गया। वह जिस प्रकार की सिसकिया निकाल रही थी उससे मेरे अंदर एक अलग ही आग पैदा हो रही थी। उसकी सिसकारियो से मेरी आग बढती जा रही थी, मेरा मन हो रहा था कि बस मे उसे चोदता रहू और उसकी इच्छा को मैं पूरा करता जाऊं मैं उसे बड़ी तीव्र गति से चोद रहा था। मेरे अंदर की आग पूरी तरीके से बढ़ गई मैंने उसकी चूत मैं अपने वीर्य को गिरा दिया और उसकी खुजली को मिटा दिया था। जब भी मेरा मन होता तो मैं ममता से मिलने के लिए उसके घर चला जाया करता। हम दोनों जब भी एक दूसरे को मिलते तो हमें काफी अच्छा लगता मैं अपनी पत्नी सोनिया के साथ बहुत खुश हूं लेकिन ममता मेरा कुछ ज्यादा ही ध्यान रखती है इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश रहते हैं।