Antarvasna, desi kahani: कॉलेज का पहला ही दिन था और जब मैं अपनी क्लास में गया तो उस दिन पहली बार जब मैंने अंकिता को देखा तो मुझे अंकिता को देखकर बड़ा ही अच्छा लगा। अंकिता के अंदर कुछ तो बात थी की जो मैं अंकिता की ओर खींचा चला गया। मैं अंकिता से बात करने लगा अंकिता और मेरे बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी और अंकिता भी मेरे साथ अपने आप को बहुत ही खुश महसूस करती थी। हम दोनों जब भी साथ होते तो हमें बहुत ही अच्छा लगता कॉलेज के पहले साल से ही हम दोनों साथ में समय बिताने लगे थे। हम लोग उसके बाद सेकंड ईयर में आ चुके थे और उस साल हम लोग अपने कॉलेज के टूर से शिमला घूमने के लिए जाने वाले थे सब बड़े ही खुश थे। अंकिता और मैं उस दिन अपनी कॉलेज की कैंटीन में बैठे हुए थे तो अंकिता और मैं इसी बारे में बात कर रहे थे मैंने अंकिता से कहा कि क्या तुम इससे पहले भी शिमला गई हो? अंकिता मुझे कहने लगी कि हां मैं इससे पहले भी शिमला गई हूँ। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे और अपने आप को बहुत अच्छा महसूस कर रहे थे।
एक दिन मैं और अंकिता अपने कॉलेज फ्रेंड की पार्टी में गए हुए थे उस दिन उसका जन्मदिन था इसलिए उसने एक होटल में पार्टी रखी थी और हम दोनों उस पार्टी में गए हुए थे। उस दिन अंकिता को घर जाने के लिए काफी देर हो गई थी इसलिए मैंने उसे उसके घर तक छोड़ा। जब मैंने अंकिता के घर तक उसे छोड़ा तो अंकिता को मैं तब तक देखता रहा जब तक कि वह घर के अंदर तक नहीं चली गई। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि अंकिता से मैं बहुत ज्यादा प्यार करने लगा हूं और मुझे उससे अपने प्यार का इजहार कर लेना चाहिए लेकिन मुझे यह भी लग रहा था कि कहीं अंकिता मेरे बारे में कुछ गलत ना सोच ले इसलिए मैंने इस बात को अंकिता से छुपा कर रखा और अंकिता से मैंने अपने दिल की बात नहीं कही। हम लोगों का टूर शिमला जाने वाला था और मैं अपने पापा मम्मी को इस बारे में बता चुका था। पापा और मम्मी कहने लगे कि बेटा तुम लोग वहां से वापस कब लौटने वाले हो तो मैंने उन्हें कहा कि हम लोग वहां से एक हफ्ते बाद वापस लौटेंगे।
मम्मी ने कहा चलो मैं तुम्हारा सामान पैक कर देती हूं मैंने कहा हां मम्मी आप मेरी मदद कर दीजिए और मम्मी ने मेरा सामान पैक कर दिया। पापा कहने लगे चलो मुझे बहुत तेज भूख लग रही है अब खाना खा लेते हैं, हम लोग खाना खाने के लिए डायनिंग टेबल पर बैठे और मम्मी ने खाना लगा दिया। हम लोगों ने खाना खाया और मैं उसके बाद अपने रूम में चला गया मैंने अंकिता को फोन किया और अंकिता से मैं बात करने लगा अंकिता मुझे कहने लगी कि मैंने अभी अपना सामान पैक भी नहीं किया है मैंने उसे कहा कि तो फिर तुम जल्दी से अपना सामान पैक कर लो। अंकिता कहने लगी हां बस मैं जल्दी से ही अपना सामान पैक कर देती हूं और अंकित अपना सामान पैक करने लगी। उसने अपना सामान पैक कर लिया था उसके बाद उसने मुझे फोन किया और कहने लगी अब मैं अपना सामान पैक कर चुकी हूं। हम लोगों ने करीब आधे घंटे तक बात की और फिर मैंने फोन रख दिया उसके बाद मैं सो चुका था और अगले दिन सुबह मैं जल्दी उठा। सुबह उठने के बाद मैं तैयार होने लगा तो पापा भी उठ चुके थे पापा ने मुझे मेरे कॉलेज तक छोड़ दिया क्योंकि हमारे कॉलेज से ही हमारी बस जाने वाली थी और उसके बाद पापा वहां से घर लौट आए। मैंने देखा अंकिता अभी तक नहीं आई थी मैं अंकिता को फोन कर रहा था लेकिन वह मेरा फोन नहीं उठा रही थी थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि अंकिता भी आ गई है। जब अंकिता आ गई तो मैंने उसे कहा तुम्हे इतनी लेट कहां हो गई थी और मैंने तुम्हें कितना फोन किया लेकिन तुमने मेरा फोन भी नहीं उठाया। वह मुझे कहने लगी कि मेरा फोन मेरे बैग में था इसलिए मुझे पता नहीं चल पाया होगा। अंकिता मेरे साथ ही बैठी हुई थी हम दोनों रास्ते भर बात करते रहे हम लोग जब शिमला पहुंचने वाले थे तो उससे पहले बस एक जगह रुक गई थी वहां पर हम लोगों ने लंच किया और उसके बाद हम लोग शिमला पहुंच गए। शिमला पहुंचने के बाद हमारे साथ जितनी भी लड़कियां थी वह दूसरे होटल में रुकने वाली थी और हम लोग दूसरे होटल में रुके हुए थे हम लोगों के साथ हमारे प्रोफ़ेसर भी थे। शाम के वक्त हम लोग घूमने के लिए निकले तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और अंकिता मेरे साथ ही थी मैंने अंकिता से कहा कि कितना सुहावना मौसम है तो अंकिता कहने लगी हां राजेश तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मौसम तो बहुत अच्छा है और यहां काफी ठंड भी महसूस हो रही है।
मैं और अंकिता साथ में ही थे अब हम लोग वापस अपने होटल लौट आए थे रात को मैं अंकिता से बात करता रहा और पता नहीं बात करते-करते कब मेरी आंख लग गई। अगले दिन भी हम लोग मिले और मैंने उस दिन सोच लिया था कि मैं अंकित से अपने दिल की बात कह दूंगा। मैंने उस दिन अंकिता से अपने दिल की बात कहने का पूरा फैसला कर लिया था। उस दिन मैंने जब अंकिता से अपने दिल की बात कही तो वह भी मना नहीं कर पाई क्योंकि उसे मेरा साथ हमेशा से ही अच्छा लगता था और वह मेरे साथ अपने आप को बहुत ही कंफर्टेबल महसूस किया करती थी। शिमला का टूर हमारा बहुत ही अच्छा रहा और उसके बाद हम लोग वापस लौट आए एक दिन फोन पर मेरे और अंकिता के बीच फोन सेक्स हो गया उस दिन के बाद अंकिता मेरे लिए बहुत ज्यादा तड़पने लगी। अंकिता चाहती थी कि हम दोनों किसी दिन अकेले में समय बिताएं लेकिन हम दोनों का ऐसा मौका नहीं मिल पाया था परंतु एक दिन पापा और मम्मी ने मुझसे कहा कि बेटा आज हम लोग तुम्हारी मौसी के घर जा रहे हैं और हम लोग कल सुबह लौट आएंगे। उस दिन मैंने अंकिता से कहा तुम मेरे घर पर आ जाओ अंकिता भी घर पर आ गई।
जब अंकिता घर पर आई तो उसने अपने घर पर बहाना बना दिया था कि वह अपनी किसी सहेली के घर पर रुकने वाली है और किसी जरूरी काम से गई हुई है। मेरे और अंकिता के लिए ऐसा मौका कभी हो ही नहीं सकता था अंकित और मैंने एक दूसरे के होंठों को चूमा। हम दोनों पहली बार एक दूसरे को किस कर रहे थे काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को चुम्मा चाटी करते रहे। अब हम दोनों की आग बढ़ने लगी थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था वह भी अब रह नही पा रही थी। मैंने उसे कहा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है वह मुझे कहने लगी अच्छा तो मुझे भी बहुत लग रहा है उसकी चूत से मैने पानी बाहर को बाहर निकल दिया था इसलिए वह बहुत ज्यादा तड़पने लगी थी। मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया जब मैंने अपने लंड को बाहर निकालकर हिलाना शुरू किया तो वह मेरे लंड को देखकर कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है मैंने उसे कहा तुम इसे अपने मुंह में लेना है। उसने भी झट से अपने मुंह में ले लिया हम दोनों पहली बार सेक्स कर रहे थे इससे पहले मैंने किसी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया था। अंकिता और मैं अब एक दूसरे के हो चुके थे उसकी चूत से पानी बाहर निकालने लगा था मैं पूरी तरीके से मचलने लगा था और अंकिता भी उत्तेजित हो गई थी। मैंने अंकिता के बदन से उसके कपड़े उतारकर उसके बूब्स को अपने हाथों से दबाना शुरू किया जब मैं ऐसा कर रहा था तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी उसे इतना मजा आने लगा था कि वह मुझे कहने लगी मुझे अब तुम्हारे लंड को चूत में लेना है।
मैंने जब अंकिता की पैंटी को नीचे उतारकर उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था जब मैंने उस पर अपनी उंगली का स्पर्श किया तो वह मचलने लगी मैंने धीरे से अपनी उंगली को उसकी चूत मे डालने की कोशिश की तो वह उछल पड़ी। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया था मैं जब उसकी योनि को चाट रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था और उसे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था वह उत्तेजित होने लगी थी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है तुम ऐसे ही मेरा साथ देते रहो। मैंने उसे कहा मेरे अंदर की आग अब बढ़ने लगी है हम दोनों ही एक दूसरे के लिए तडपने लगे थे मैं अपने आपको ज्यादा देर तक रोक नहीं पाया। मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलते हुए डाला तो वह जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी कि मेरी चूत फाड दी।
मैंने देखा उसकी चूत से खून बह रहा था उसको बड़ा ही मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था जिससे कि मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। मैंने उसके दोनों पैरों को आपस में मिला लिया था और उसके पैरों को आपस में मिलाने के बाद जिस प्रकार से मै उसे चोद रहा था उससे वह और भी ज्यादा उत्तेजित होती जा रही थी। उसकी चूतड़ों को मैंने अपनी तरफ किया और उसकी चूत के अंदर मैंने अपने लंड को डाला उसकी चूतड़ों पर जब मैं प्रहार करता तो उसकी चूतड़ों का रंग भी लाल होने लगा था और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था काफी देर तक मैंने उसके साथ संभोग का मजा लिया और उसकी चूत मेरे लंड से माल को चूसने लगी। मैंने अपने माल को उसकी चूत पर गिरा दिया मेरा माल अंकिता की चूत मे गिर चुका था अब हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेट चुके थे अगले दिन सुबह मैंने अंकिता को उसके घर पर छोड़ दिया था।