आज से 5 वर्ष पहले मैं दिल्ली आया और जब मैं दिल्ली आया तो उस वक्त मेरे भी आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं थी लेकिन मैंने अपनी मेहनत के बलबूते एक गारमेंट शॉप खोली जो कि काफी अच्छी चलती है और इस बात से मैं बहुत खुश हूं। मेरे पापा का देहांत हो जाने के बाद में मेरे ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी। मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था इस वजह से मैं दिल्ली नौकरी की तलाश में आ गया थोड़ी समय तक मैंने नौकरी की और उसके बाद मैंने अपना बिजनेस शुरू कर लिया। मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक होता चला गया और अब मेरी शादी भी हो चुकी है मेरी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं और जब मेरी शादी निकिता के साथ हुई तो उस वक्त मेरे परिवार वाले बहुत ज्यादा खुश थे। मैंने अब दिल्ली में घर भी खरीद लिया है और मैं बहुत ज्यादा खुश हूं कि मैं अपनी मेहनत के बलबूते दिल्ली में एक घर खरीद पाया हूं और मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक होता चला गया। एक दिन मैं और निकिता साथ में बैठे हुए थे निकिता और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे कि तभी मां ने मुझे कहा कि अजीत बेटा मैं पड़ोस की आंटी के साथ बाजार जा रही हूं।
मैंने मां से कहा मां लेकिन तुम कब तक घर लौटोगी तो मां ने कहा कि बेटा मैं थोड़ी देर बाद घर लौट आऊंगी और फिर मां चली गई। मैं और निकिता घर पर अकेले थे हम दोनों उस दिन बातें कर रहे थे तो निकिता ने मुझसे कहा कि अजीत मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता थी। मैंने निकिता को कहा कि लेकिन तुम्हें पैसों की आवश्यकता क्यो है। निकिता के मामा जी की लड़की की शादी थी और वह अपने लिए शॉपिंग करना चाहती थी। मैंने निकिता को कहा कि मैं तुम्हें कल पैसे दे देता हूं निकिता ने कहा ठीक है मैं कल अपनी सहेली माया के साथ शॉपिंग करने के लिए जाऊंगी। माया निकिता के बहुत ही करीब है माया और निकिता साथ में पढ़ा करते थे इसलिए वह दोनों एक दूसरे के बहुत ही ज्यादा करीब है। मैंने अगले दिन निकिता को पैसे दे दिए और निकिता और माया शॉपिंग करने के लिए चले गए। शाम के वक्त निकिता ने मुझे फोन किया और कहा कि अजीत आप घर कब आएंगे तो मैंने निकिता को कहा कि मैं बस थोड़ी देर बाद ही घर के लिए निकल रहा हूँ। मैंने निकिता को कहा कि मैं तुम लोगों को लेने के लिए आ जाता हूं, निकिता और माया अभी भी शॉपिंग मॉल में ही थे। जब मैं उन लोगों को लेने के लिए गया तो निकिता मेरा इंतजार कर रही थी उसके बाद निकिता और माया गाड़ी में बैठ गए। मैंने माया से कहा कि माया तुम्हारे घर में सब लोग कैसे हैं तो माया कहने लगी कि घर में तो सब लोग ठीक हैं।
मैं और निकिता भी एक दूसरे से बात करने लगे तो निकिता ने मुझे कहा कि आज मैंने काफी सारी शॉपिंग की है। निकिता के चेहरे पर खुशी देख कर मुझे भी काफी अच्छा लगा कि निकिता ने भी शॉपिंग की है। हम लोग घर पहुंच चुके थे मैंने माया को उसके घर तक छोड़ दिया था और उसके बाद मैं और निकिता वहां से अपने घर लौट आए। निकिता ने मुझे अपने शॉपिंग किए हुए कपड़े दिखाए तो मुझे भी अच्छा लगा कि इतने समय बाद निकिता ने मुझसे कुछ डिमांड की थी। कुछ दिन बाद निकिता के मामा जी की लड़की की शादी थी तो निकिता वहां चली गई मैं उसकी शादी में नहीं जा पाया था क्योंकि मुझे समय नहीं मिल पाया था मैं अपने काम में बिजी था इसलिए मैं निकिता के साथ जा नहीं पाया था। हम दोनों ही एक दूसरे को बहुत मिस कर रहे थे और थोड़े दिनों बाद निकिता वहां से वापस लौट आई थी। तो कुछ दिनों तक निकिता अपने घर भी रही थी और उसके बाद वह वापस लौट आई थी। एक दिन मैं और निकिता साथ में बैठकर बातें कर रहे थे उस दिन निकिता ने मुझे कहा कि मेरी तबियत आज कुछ ठीक नहीं लग रही। मैंने निकिता को कहा मैं तुम्हें डॉक्टर के पास ले चलता हूं और फिर मैं निकिता को डॉक्टर के पास में लेकर चला गया। जब मैं उसे डॉक्टर के पास लेकर गया तो डॉक्टर ने कहा कि निकिता को तो बुखार है और डॉक्टर ने उसको कुछ दवाइयां लिखकर दी।
मैंने वह दवाइयां ली और उसके बाद निकिता और मैं घर आ गए। निकिता को काफी तेज बुखार था जिस वजह से वह मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस हो रही है। मैंने निकिता को कहा कि तुम अब आराम कर लो निकिता को मैंने कुछ देर आराम करने के लिए कहा और वह कुछ देर आराम करने लगी। निकिता को काफी तेज बुखार था और उसका बुखार काफी दिनों तक रहा जब वह पूरी तरीके से ठीक हो गई तो मैंने निकिता के साथ में घूमने का प्लान बनाया। उस दिन मैं निकिता को अपने साथ घूमने के लिए लेकर गया हम दोनों मूवी देखने के लिए गये और मूवी देखने के बाद हम लोग घर वापस लौट आये। काफी समय बाद निकिता और मैंने अच्छा समय साथ में बिताया था। निकिता के साथ में अच्छा समय बिताकर मैं बहुत ज्यादा खुश था और निकिता भी बहुत ज्यादा खुशी क्योकि काफी दिनों बाद हम दोनों ने साथ में मूवी देखी थी। मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं निकिता को समय दे दिया करता हूं और हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही ज्यादा प्यार करते हैं। माया एक दिन घर पर आई हुई थी उस दिन वह निकिता से बात कर रही थी। मैं भी घर जल्दी आ गया था तो मैं भी माया के साथ बैठकर बातें कर रहा था। निकिता रसोई में चली गई और वह खाना बनाने लगी माया और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे।
माया ने मुझे बताया उसके पति कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए है। यह पहली बार ही था माया और मैं एक दूसरे से इतनी देर बात कर पाए थे लेकिन माया को देखकर मैं अब उसके साथ में शारीरिक सुख का मजा लेना चाह रहा था। उस दिन मैंने माया से उसका नंबर ले लिया। मैं माया से बातें करने लगा तो वह भी कहीं ना कहीं मेरे लिए तड़पने लगी और मेरे साथ शारीरिक सुख का मजा लेने के लिए तैयार थी। मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से माया और मै एक दूसरे से बातें कर रहे थे। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे माया ने मुझे घर पर फोन करके बुला लिया था और हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स करने के लिए तैयार थे। मैंने माया की जांघों पर हाथ रखा और उसकी जांघों को सहलाने लगा जिस तरीके से मैं उसकी जांघों को सहला रहा था उससे वह गर्म होती जा रही थी और मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया है। उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी वह चाहती थी मेरे साथ वह सेक्स के मजे लेती रहे उसने ऐसा ही किया जब उसने मेरी पैंट को खोल कर मेरे लंड को बाहर निकालना शुरू किया तो उसको बहुत ही ज्यादा मज़ा आने लगा था और वह मेरे लंड को बहुत ही अच्छे से सकिंग कर रही थी। वह जिस तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी उस से मुझे मजा आता जा रहा था और वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की गर्मी को तुमने बढा कर रख दिया है तुम मेरी चूत को भी चाट लो।
मैंने माया के बदन से कपड़े उतार दिए थे उसका गोरा बदन देखकर मैं उसकी चूत को चाटने के लिए तैयार था। जब मैं उसकी योनि को चाटने लगा तो वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही थी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा रहा था हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश थे। मैंने उसके बदन की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था जिसके बाद वह मेरे लंड को योनि में लेने के लिए तैयार थी। मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगाया तो उसकी चूत से पानी बहुत ज्यादा मात्रा में बाहर की तरफ को निकल रहा था उसकी योनि से निकलता हुआ गर्म पानी मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाए जा रहा था। मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर प्रवेश हो चुका था। मेरा लंड जब उसकी योनि के अंदर बाहर हो रहा था तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और उसे भी बहुत मजा आने लगा था। वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही चोदते जाओ वह मुझे अपने पैरो के बीच में जकड़ने की कोशिश करने लगी। जब वह ऐसा करने लगी तो मुझे मजा आने लगा था मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था। मैं उसको जिस तरीके से चोद रहा था वह बहुत ज्यादा खुश हो गई और मुझे कहने लगी तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते जाओ।
मैंने उसे काफी देर तक चोदना जारी रखा जब मुझे महसूस होने लगा अब मैं ज्यादा देर तक रह नहीं पाऊंगा तो मैंने उसकी योनि में और तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए थे और उसकी चूत के अंदर माल गिराकर अपनी इच्छा को पूरा कर दिया था। मेरा माल गिर चुका था जब मेरा माल उसकी चूत में गया तो मुझे मजा आ गया था और उसे भी बहुत ज्यादा मजा आ गया था। माया और मैं साथ में लेटे हुए थे हम दोनो एक दूसरे के होठों को चूम रहे थे और मैने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल दिया था। उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे वह सकिंग करने लगी। जब वह मेरे लंड को चूसने लगी तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। उसने मेरे लंड को तब तक चूसा जब तक उसने मेरे लंड को दोबारा से खड़ा नहीं कर दिया था और मेरे माल को उसने अपने मुंह के अंदर ही ले लिया था मैं बहुत ही खुश था उसने मेरे माल को अपने मुंह में समा लिया था।